Everything about Shiv chaisa
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ Shiv chaisa पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन